Soothravakyam Malayalam Movie Review In Hindi - Thriller का कमाल या सिर्फ मायूसी
Soothravakyam :
अंजाम पथिरा, कन्नूर स्क्वाड और रेखाचित्रम जैसी मलयालम फिल्म इंडस्ट्री की कई सस्पेंस-थ्रिलर मूवीज़ दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय रही हैं। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब एक और फिल्म सूत्रवाक्यम हिंदी डबिंग के साथ रिलीज की गई है। यूजिन जोस चिरम्मेल के निर्देशन में बनी यह मूवी 11 जुलाई 2025 को सिनेमाघरों में उतरी थी। अब इसे हिंदी डब के साथ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर देखा जा सकता है।
इस ड्रामा, थ्रिलर और मिस्ट्री फिल्म में शाइन टॉम चाको, विंसी अलोशियस, और दीपक परंबोल जैसे कलाकार नजर आते हैं। IMDb पर फिल्म को 10 में से 7 स्टार की रेटिंग मिली है। मलयालम फिल्मों का हिंदी डबिंग वर्ज़न हिंदी दर्शकों के बीच हमेशा उत्सुकता पैदा करता है। आइए जानते हैं, क्या यह फिल्म वाकई आपके समय के लायक है या सिर्फ उम्मीदों पर पानी फेरती है।
कहानी
मलयालम सिनेमा में पुलिस का रोल हमेशा महत्वपूर्ण माना जाता है, और इस फिल्म की कहानी भी कुछ ऐसा ही है। यह कहानी एक छोटे कस्बे की है, जहां के पुलिसकर्मी न केवल अपनी ड्यूटी निभाते हैं, बल्कि गांव वालों के लिए मददगार भी हैं। शाइन टॉम चाको इस पुलिस स्टेशन के अधिकारी हैं और खाली जगह में गांव के बच्चों को गणित की ट्यूशन भी देते हैं।
कुछ समय बाद कस्बे में रहस्यमय रूप से कुछ लोग गायब होने लगते हैं। सवाल यह उठता है कि इस गायब होने के पीछे कौन है और क्या है इसका रहस्य? यह केस किस तरह से क्रिस्टो की जिंदगी बदल देता है? इसका सही अनुभव जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी। यह मूवी लायंसगेट प्ले ओटीटी पर उपलब्ध है। इसका रनिंग टाइम 1 घंटा 53 मिनट है और हिंदी डबिंग भी अच्छे से की गई है।
प्लस और माइनस पॉइंट
एक सस्पेंस थ्रिलर में रोमांच जल्दी दिखना चाहिए, लेकिन इस फिल्म में काफी समय तक सिर्फ सामान्य घटनाएं चलती रहती हैं। जिस सस्पेंस का इंतजार होता है, वह बहुत देर से सामने आता है। ऐसा लगता है कि निर्देशक फिल्म के जॉनर को लेकर निश्चित नहीं थे – उन्हें नॉर्मल ड्रामा बनाना है या सस्पेंस क्रिएट करना है।
फिल्म में दोनों का मिश्रण नजर आता है, जिससे यह काफी प्रेडिक्टेबल हो जाती है। श्रीराम चंद्रशेखरन की सिनेमैटोग्राफी भी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ती। क्रिस्टो का अभिनय शानदार है और सभी किरदार वास्तविक जीवन से प्रेरित दिखाई देते हैं। लेकिन फिर भी वह क्वालिटी दिखाई नहीं देती, जो दर्शक देखना चाहते हैं।
मलयालम थ्रिलर फिल्मों की उम्मीद रहती है, लेकिन यह फिल्म केवल निराश ही करती है। बार-बार लगता है कि अब कोई ट्विस्ट आएगा, लेकिन निरंतर इंतजार के बावजूद ऐसा नहीं होता। प्रोडक्शन वैल्यू अच्छी है, लेकिन फिल्म एवरेज साबित होती है।
निष्कर्ष
हिंदी दर्शकों को उम्मीद हो सकती है कि मलयालम थ्रिलर जैसा कुछ अलग मिलेगा, लेकिन ऐसा यहां नहीं है। इसे परिवार के साथ आराम से देखा जा सकता है। फिल्म में किसी प्रकार के अडल्ट या वल्गर सीन नहीं हैं। हालांकि, कई डायलॉग्स हिंदी में डब नहीं किए गए हैं, जो एक निगेटिव पॉइंट है।